झारखंड हिन्दी साहित्य संस्कृति मंच ने मनाया साहित्यानुरागी हनुमान सरावगी जयंती समारोह
रांची। झारखंड हिन्दी साहित्य संस्कृति मंच के नवनिर्वाचित कार्यकारी अध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव की अध्यक्षता एवं मंच के नवनिर्वाचित संरक्षक विनय सरावगी के मार्गदर्शन दर्शन में झारखंड के सुप्रसिद्व उद्यमी साहित्यानुरागी, समाजसेवी, महान चिंतक तथा झारखंड राज्य निर्माण के अग्रणी योद्धा हनुमान प्रसाद सरावगी जी के जन्म दिवस के अवसर पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी तथा उस उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।
कार्यक्रम दो सत्र में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र में मंच की आम बैठक आहूत हुई। इस बैठक मंच के संविधान में कतिपय संशोधन करने का निर्णय लिया गया, तत्पश्चात् सर्वसम्मति से विनय सरावगी जी को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया तथा उनके प्रभार में मंच के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों का आम सहमति से चुनाव किया गया। विनय सरावगी जी को पुनः संरक्षक, कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ,'निरंकुश' अध्यक्ष, निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव को कार्यकारी अध्यक्ष, सुरिन्दर कौर नीलम को उपाध्यक्ष, असीत कुमार को उपाध्यक्ष, बिनोद सिंह गहरवार को पुनः सचिव, बैजनाथ मिश्र को संयुक्त सचिव, मुक्ति शाहदेव को संयुक्त सचिव एवं कृष्णा विश्वकर्मा बादल को कोषाध्यक्ष साथ ही कामेश्वर कुमार सिंह कामेश, घटागिरी, गीता सिन्हा गीतांजलि, अर्पणा सिंह, नेहाल सरैयावी को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। मंंच के कोषाध्यक्ष कृष्णा विश्वकर्मा बादल ने विगत एवं वर्तमान वर्ष के आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। मंच के संरक्षक, विनय सरावगी ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों तथा कार्यकारिणी सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
द्वितीय सत्र में साहित्यानुरागी हनुमान सरावगी जयंती समारोह के अवसर पर काव्य गोष्ठी की शुरुआत मंच के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा गीता सिन्हा गीतांजलि के सरस्वती वंदना से हुई। मंच के सचिव बिनोद सिंह गहरवार ने उपस्थित कवि - कवित्रियों का स्वागत किया। हनुमान सरावगी जी के सुपुत्र विनय सरावगी जी ने अपने पिताजी की साहित्यिक यात्रा के अनछुए तथ्यों को साझा किया। मंच के नवनिर्वाचित कार्यकारी अध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोद्धन में कहा कि साहित्यानुरागी श्री हनुमान सरावगी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे न केवल सफल उद्यमी और समर्पित समाजसेवी थे बल्कि साहित्य, कला और संस्कृति के निष्ठावान अनुरागी थे। काव्य गोष्ठी में नेहाल सरैयावी, कामेश्वर कुमार सिंह कामेश, ममता मनीष सिन्हा, रेणु बाला धार, कृष्णा विश्वकर्मा बादल, मुक्ति शाहदेव, डा.सुरिन्दर कौर नीलम, आसीत कुमार, बैजनाथ मिश्र, डा. राजश्री जयंती, डा. गीता सिन्हा गीतांजलि, अर्पणा सिंह,निराला पाठक, रेणु झा रेणुका, डा. अनीता रश्मि, सुनीता अग्रवाल, प्रतिभा सिंह, डा. अंजेश कुमार,सूरज श्रीवास्तव, राजीव शर्मा, गिरिजा कोमल, मीरा सोनी, बिनोद सिंह गहरवार, निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव,आदि ने काव्य पाठ किया। मंच संचालन ममता मनीष सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन कृष्णा विश्वकर्मा बादल ने किया।