भारत का हिंदू अब चुप नहीं बैठेगा, बांग्लादेश में हिंदू युवक की निर्मम हत्या से हिंदू समाज में आक्रोश : 1971 जैसी कार्यवाही की मांग
हिंदू समाज न सोया है न बंटा है बल्कि अन्याय के आगे डटकर खड़ा है
नर्मदापुरम । विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल नर्मदापुर जिले के द्वारा बांग्लादेशी हिंदू युवक दीपू चंद्रदास की भीड़ द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में सतरस्ते पर एकत्रित होकर उग्र प्रदर्शन के साथ जिहादी मानसिकता का पुतला दहन किया।
विहिप ने कहा कि बांग्लादेश में गुरुवार रात कथित ईशनिंदा के आरोपों के बाद इस जघन्य घटना को अंजाम दिया गया। दीपु चंद्र दास ने यह लिखा था कि “सभी भगवान अलग-अलग नामों से एक ही हैं।” इसे ईशनिंदा करार दिया गया और इसी कारण उसे जिंदा जला दिया गया। ऐसी सोच अत्यंत खतरनाक है क्योंकि यह भारत देश में धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद को ही चुनौती देती है।
जिला मंत्री चेतन सिंह राजपूत ने कहा कि स्वयं को धर्मनिरपेक्ष बताने वाली शक्तियाँ,अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग और विश्वभर के मानवाधिकार मंच इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन क्यों हैं ?
जिला संयोजक नितिन मेषकर ने कहा की बांग्लादेश इस समय अनिश्चितता,अराजकता और कानून विहीनता के गंभीर दौर से गुजर रहा है। इस भयावह वातावरण में कट्टरपंथी और उग्रवादी तत्वों ने हिंदुओं,सिखों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बेलगाम हिंसा शुरू कर दी है।
जिला सह संयोजक प्रदीप दायमा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का यह नैतिक और मानवीय दायित्व है कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए।
ऐसे हालात में भारत मूक दर्शक बना नहीं रह सकता और न ही रहना चाहिए। भारत की परंपरा रही है कि वह दुनिया भर में उत्पीड़ित और पीड़ित समुदायों के साथ खड़ा रहा है।
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल भारत सरकार से आग्रह करता है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा,सम्मान और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कूटनीतिक,राजनीतिक और मानवीय उपाय करे। मुहम्मद यूनुस को प्रदान किए गए नोबेल शांति पुरस्कार को तत्काल वापस लेने की मांग की।
इस संपूर्ण प्रदर्शन में जिला एवं नगर समिति के साथ आठों प्रखंडों के कार्यकर्ता तथा मातृशक्ति एवं दुर्गावाहिनी बहनों की उपस्थिति रही ।
जारीकर्ता
अनुरुद्ध चंसौरिया
जिला प्रचार प्रसार प्रमुख
विश्व हिंदू परिषद नर्मदापुरम
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