परिवार एवं संस्कृति बचाने के लिए संतति आवश्यक है: पूज्य राधा कृष्ण महाराज
तीन दिवसीय संगीतमय नानी बाई रो मायरो कथा का विश्राम
इटारसी। पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव कम करने हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत एवं धार्मिक विरासत को समझो ने उसे बचाए रखना के लिए संतति आवश्यक है बिना संत एवं संतों की वाणी के इस देश की संस्कृति और परिवार नहीं बच सकते साथ ही संत आचरण ही परिवार और संस्कृति को बनाए और बचाए रखते हैं। उक्त उद्गार धार्मिक नगरी इटारसी में जोधपुर राजस्थान से पधारे अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पूज्य श्री राधा कृष्ण जी महाराज ने संगीतमय नानी बाई रो मायरो तीन दिवसीय कथा के विश्राम दिवस पर व्यक्त किए।
व्यास पीठ से संबोधित करते हुए महाराज श्री ने कहा कि आज के संसार में किसी को अच्छा कहने में लोग काफी वक्त लगाते हैं, लेकिन उसे बुरा तुरंत कह देते हैं। पहले 8-10 बच्चों का लालन-पालन आराम से हो जाया करता था अब तो एक और दो पर बात पहुंची है, माता बहनों को इस तरफ सोचना चाहिए। पूज्य महाराज श्री ने बढ़ते औद्योगीकरण के विषय में कहा कि अनावश्यक रूप से इमारतों का विस्तार नहीं करना चाहिए। जितना आवश्यक हो उतना ही निर्माण कार्य करना चाहिए शीश स्थान पर पेड़ पौधे लगाना चाहिए जिससे पर्यावरण सुरक्षित रह सके।
विश्राम दिवस की कथा में व्यासपीठ पर विराजे महाराज श्री का यजमान मालपानी परिवार, सहित निलेश मालपानी, आयुष मालपानी, आकाश मालपानी, गिरिराज कोठारी, खगेंद्र जी,कल्पना सतीश बांगड़, अर्चना श्रीकांत मोलसरिया, महेश जी, मोहित शर्मा, कैलाश शर्मा, मालपानी स्टाफ मेंबर्स, एडवोकेट हितेश तिवारी, विवेक पटेल, गिरिराज जी, गौरव राठी, नारायण जी, दिनेश गोठी, आरती विजय राठी, केशव मालानी, सुरेश मेहता, नीतू महेंद्र यादव अध्यक्ष नपा परिषद नर्मदापुरम, पंकज चौरे अध्यक्ष नपा परिषद इटारसी, मनोज पोपली, सतीश अग्रवाल सांवरिया, सक्षम जी, प्रकाश खंडेलवाल, संदेश पुरोहित सहित अन्य लोगों ने पूजन एवं स्वागत किया।
विश्राम दिवस पर कथाव्यास से महाराज श्री ने सफल आयोजन में सहयोग के लिए नगर पालिका परिषद इटारसी, पुलिस प्रशासन, विद्युत मंडल, सभी पत्रकार बंधुओं का, पंडाल एवं अन्य व्यवस्थाओं में सहयोगी सभी व्यक्तियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया
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