ad

सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का तीसरा दिन : भगवान अपने भक्तों की रक्षा के साथ लड़ने की शक्ति भी देते है: पूज्यराधादेवी


 

सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का तीसरा दिन : भगवान अपने भक्तों की रक्षा के साथ लड़ने की शक्ति भी देते है: पूज्यराधादेवी

इटारसी । स्थानीय वृन्दावन गार्डन में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन की कथा सुनाते हुए ब्रजभूमि गोवर्धन से पधारी साध्वी राधादेवी ने ध्रुव, प्रहलाद आदि आदि भक्तों की कथा सुनाते हुए कहा कि जो भी भक्त भगवान पर सच्चा पूर्ण विश्वास करता है, तो भगवान उसकी रक्षा तो करते ही है। साथ साथ अपने भक्तों को संकट से लड़ने की शक्ति भी देते हैं। जैसे ध्रुव और प्रहलाद सहित गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों को किस प्रकार उन्हें शक्ति दी थी, कि मौत सामने खड़ी है फिर भी अपने धर्म को नहीं छोड़ा। जिंदा दीवार में चुनवा दिए गए, परन्तु हंसते हंसते गुरु नाम सुमिरन करते रहे। प्रहलाद को बहुत कष्ट दिया उसके ही पिता हिरण्यकशिपु ने परन्तु प्रहलाद ने अपना निश्चय नहीं छोड़ा और भगवान का स्मरण करते रहे। आखिर दुष्ट के अत्याचार को देखकर भगवान क्रोधित हो उठे और नृसिंह रूप धारण कर हिरण्यकशिपु का अंत किया। प्रहलाद को भक्ति के साथ साथ राज्य सिंहासन पर बैठाकर सदैव ही उसकी रक्षा की। ऐसे दीन दयालु को कभी नहीं भूलना चाहिए। कथा में महामंडलेश्वर श्री भैयादास जी महाराज जो कि पिछले 37वर्षों से कभी लेटते ही नहीं हैं वह भी मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज सभी को जात-पात को छोड़कर संगठित रहकर अपने भविष्य की रक्षा करनी है क्योंकि माला की कीमत होती है बिखरे हुए मोतियों की नहीं। तो आज हम सब हिन्दू सिख जैन बौद्ध सभी को संगठित होने की जरूरत है। वरना एक एक कर सभी को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। कथा आयोजक सेवन स्टार ग्रुप के सदस्य जसवीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि प्रतिदिन कथा का समय दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। समस्त धार्मिक अनुष्ठान वृंदावन गार्डन, इटारसी में संपन्न होंगे। श्री छाबड़ा के अनुसार, इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र में धार्मिक वातावरण को बढ़ावा देना और समाज में शांति व सद्भाव का संदेश फैलाना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वृंदावन गार्डन में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में धार्मिक जन कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं।
देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post