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सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का चौथा दिन : हमें दयालु भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए: पूज्य राधादेवी


 

सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का चौथा दिन : हमें दयालु भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए: पूज्य राधादेवी

इटारसी । श्रीवृंदावन गार्डन इटारसी में चल रही श्री मद भागवत कथा के चौथे दिन ब्रजभूमि गोवर्धन से पधारी साध्वी राधा देवी जी 24 अवतारों की कथा सुनाते हुए कहा कि परमात्मा का हर अवतार अपने भक्तों के कल्याण करने के लिए हुआ है। सभी अवतारों में आकर परमात्मा ने अपने भक्तों का कल्याण किया है क्योंकि परमात्मा अपने भक्तों को कभी भी दुखी नहीं देख सकते।

गोस्वामी तुलसी दास जी ने कहा है कि जब जब होय धर्म की हानि। बाढ़ई असुर अधम अभिमानी ।करहीं अनीति जाहि नहीं बरनी। सिद्ही विप्र धेनु सुर धरनी। तब तब प्रभु धरी विविध सरीरा। हरही कृपा निधि सज्जन पीरा। जब जब धर्म की हानि होती है, गौ हत्या होती है, साधु संत ब्राह्मण की हत्या होती है, इनका अपमान होता है, सदग्रंथों का अपमान होता है, पृथ्वी पर नाना प्रकार के अत्याचार होते हैं, जिनका वर्णन नहीं किया जा सकता है। वह परमात्मा अपने भक्तों के लिए ही धरा धाम पर आते हैं प्रगट होते हैं। भगवान श्री कृष्ण कंस आदि राक्षसों का अंत करने के लिए ही धरा धाम पर आए और बालकाल में ही अनेक राक्षसों का अंत कर भक्तों का उद्धार किया। सात वर्ष सात महिना सात दिन की आयु में इंद्र का अहंकार दूर करने के लिए और भक्तों की रक्षा के लिए सात कोस के गिरिराज पर्वत को उठा लिया। ऐसे दयालु भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए। आज कथा में महामंडलेश्वर श्रीभैया दास जी महाराज ने दीन दुखियों और देश की सेवा पर जोर देते हुए कहा कि कल्याण के लिए सेवा भजन और दान बहुत जरूरी है तब ही मनुष्य जीवन सार्थक होता है। कथा में सोहागपुर से श्री महंत बंबईया बाबा, मनोहरदास सीताराम दास जी महाराज पधारे।

कथा आयोजक सेवन स्टार ग्रुप के सदस्य जसवीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि प्रतिदिन कथा का समय दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। समस्त धार्मिक अनुष्ठान वृंदावन गार्डन, इटारसी में संपन्न होंगे। श्री छाबड़ा के अनुसार, इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र में धार्मिक वातावरण को बढ़ावा देना और समाज में शांति व सद्भाव का संदेश फैलाना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वृंदावन गार्डन में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में धार्मिक जन कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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