प्रभात साहित्य परिषद,भोपाल की लोकार्पण,काव्य गोष्ठी संपन्न
भोपाल । राजधानी की चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद के अध्यक्ष पद का वार्षिक चुनाव हिन्दी भवन के नरेश मेहता कक्ष में वरिष्ठ गीतकार अशोक निर्मल को चुनाव अधिकारी नियुक्त कर कराया गया जिसमें सर्वसम्मति से श्री महेश प्रसाद सिंह को वर्ष 2026 के लिये परिषद का अध्यक्ष चुना गया.
तदुपरांत पं.अयोध्या प्रसाद गौतम पंचांग 2026 का लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार बलराम गुमाश्ता की अध्यक्षता में एवं ज्योतिष आचार्य पं.विनोद गौतम के विशेष आतिथ्य में तथा डॉ. अनिल शर्मा "मयंक "के संचालन में किया गया.
गोष्ठी में सरस्वती वंदना के उपरांत चरणजीत सिंह कुकरेजा ने पढ़ा तितली तितली खूब थे खेले. नहीं उन दिनों थे झमेले. वहीं हीरालाल पारस ने पढ़ा भूख किसी नशे से कम नहीं, और किसी नशे में भूख जैसा दम नहीं वही प्रदीप कश्यप ने पढ़ा दुखों के बीच में रह ढूँढ ली खुशी मैने. लबों पे गुल सी खिलाकर रखी हँसी मैने. वहीं चंद्रभान राही ने पढ़ा आतंक बढ़ गया है तुम्हारा ज़मीन पर. कैसे करेगा कोई गुजारा ज़मीन पर. वही दिनेश शेष ने पढ़ा इस तरह तेरे दिल से निकाले गये. हम न हमसे कभी फिर सम्भाले गये. वहीं सुरेश नारायण शर्मा ने पढ़ा सारे यहां समंदर केवल शराब होते. सोचो यहां ज़मी पर कितने फ़साद होते. वहीं एम ए मोखेरे ने पढ़ा वो खुदा है तेरा के है भगवान मेरा जरा सा भरम एक जहां आफरी. वह किरदार हम सबका मालिक वही उसका सब पर करम एक जहां आफरी. इनके अलावा उमेश तिवारी आरोही सूर्य प्रकाश अस्ठाना आदि ने भाग लिया.
अंत में रमेश नन्द ने सभी का आभार व्यक्त किया.
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