सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का शुभारंभ : सच्ची श्रद्धा से पापी भी भवसागर पार हो जाता है: कथाव्यास राधा देवी
इटारसी। श्रीमद भागवत कथा जीवन की व्यथा मिटाती है। कथा में पापी से पापी भी भवसागर से पार उतर जाता है, बस सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए। धुंधकारी एक महापापी था उसने जब गोकर्ण से श्रीमद्भागवत कथा को सुना तो वह भी भवसागर से पर हो गया। उक्त उद्गार महामंडलेश्वर श्री भैयादास जी महाराज के सानिध्य में ब्रजभूमि गोवर्धन से पधारी साध्वी राधादेवी जी ने न्यास कॉलोनी स्थित वृंदावन गार्डन में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन कथा का महत्व सुनते हुए व्यासपीठ से व्यक्त किए। शुक्रवार सुबह भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी नागरिक शामिल हुए।
व्यासपीठ से नागरिकों को संबोधित करते हुए कथाव्यास ने कहा कि वर्तमान में कथा आपके छोटे-छोटे बच्चों तक जानी चाहिए, क्योंकि कथा सुनने से संस्कार आते हैं। संस्कार, जो जीने की कला सिखाते हैं, जीवन कैसे जीना चाहिए यह कथा ही बताती है। कथा अपने माता-पिता से अपने परिवार से और देश से मातृभूमि से प्यार करना सिखाती है। कथा जीव को जीव से प्रेम करना सिखाती है। अगर अपना जीवन सार्थक करना है तो अपने जीवन में कथा को उतारना ही है। कथा स्वार्थ के लिए नहीं कथा परमार्थ के लिए भी होनी चाहिए, जो कथा परमार्थ के लिए होती है वह अपना तो कल्याण करती ही यह साथ-साथ सभी अपने मिलने वालों का भी परिवार पालने और देश के जन-जन कल्याण भी करती है। कथाव्यास ने कहा कि सिक्खों के सभी गुरुओं ने धर्म के लिए देश के लिए सनातन के लिए अपने सहित बच्चों का भी बलिदान दिया है उनसे हम सभी को सीख लेनी चाहिए। आयोजक समिति के सदस्य जसवीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि प्रतिदिन कथा का समय दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। समस्त धार्मिक अनुष्ठान वृंदावन गार्डन, इटारसी में संपन्न होंगे। श्री छाबड़ा के अनुसार, इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र में धार्मिक वातावरण को बढ़ावा देना और समाज में शांति व सद्भाव का संदेश फैलाना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वृंदावन गार्डन में व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
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