कॉलेज चलो अभियान के तहत स्कूली छात्राओं ने किया महाविद्यालय का शैक्षणिक भ्रमण
इटारसी । उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में कॉलेज चलो अभियान के अंतर्गत आओ–जाने महाविद्यालय कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज शासकीय कन्या विद्यालय, इटारसी की छात्राओं ने शासकीय कन्या महाविद्यालय पहुंचकर महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों, प्रयोगशालाओं, खेल सुविधाओं एवं अन्य आधारभूत संसाधनों का अवलोकन किया। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में कुछ अभिभावकों के साथ विद्यालय के शिक्षक श्री महेश मालवीय, श्रीमती अनुराधा मिश्रा, श्रीमती प्रीति शिवहरे एवं श्रीमती प्रणिता पटेल की उपस्थिति रही। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं विद्यालय की छात्राओं के मध्य सीधा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्राओं ने कॉलेज चलो अभियान, उच्च शिक्षा की संभावनाओं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, बहुविषयक शिक्षा प्रणाली एवं विभिन्न करियर अवसरों से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। छात्राओं ने महाविद्यालय की विज्ञान प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, खेल विभाग, डिजिटल क्लासरूम, विभिन्न विषयों के विभागों तथा वहां उपलब्ध सुविधाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि कॉलेज चलो अभियान का उद्देश्य छात्राओं को उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है। ऐसे कार्यक्रम छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा तय करते हैं। कॉलेज चलो अभियान के प्रभारी डॉ. शिरीष कुमार परसाई ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यालय स्तर से ही छात्राओं को महाविद्यालयीन वातावरण से परिचित कराना आवश्यक है, जिससे वे उच्च शिक्षा को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर सकें और सही करियर का चयन कर सकें। कार्यक्रम में डॉ. संजय आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहुविषयक शिक्षा एवं कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है, जिससे छात्राओं के लिए रोजगार एवं स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने महाविद्यालयीन वातावरण को प्रेरणादायी बताते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के प्रति उत्साह व्यक्त किया। यह आयोजन छात्राओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता एवं महाविद्यालय से जुड़ाव बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों एवं स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
प्राचार्य
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