ad

सोशल मीडिया के विकल्पों से कहानी क्षेत्र तक सीमित न रहकर सरहदें पार कर चुकी है - संतोष श्रीवास्तव


 सोशल मीडिया के विकल्पों से कहानी क्षेत्र तक सीमित न रहकर सरहदें पार कर चुकी है - संतोष श्रीवास्तव

भोपाल । अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच द्वारा कहानी संवाद “दो कहानी- दो समीक्षक” का आयोजन गूगल मीट पर आयोजित किया गया। 

इस अवसर अध्यक्षता कर रही अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने कहानी संवाद में पढ़ी गई दोनों कहानियों और उन पर की गई समीक्षाओं की सराहना की और कहानी के सन्दर्भ में बात करते हुए कहा कि -

"मौजूदा समय में पत्रिकाएं, ई पत्रिकाएं ,पॉडकास्ट ,यूट्यूब और प्राइवेट चैनल जैसे उपक्रमों के विकल्प भी मौजूद हैं जिन्होंने लेखन की एक नई पौध खड़ी कर दी है।  उनके लेखन का विस्तार हो रहा है और कहानी क्षेत्र तक सीमित न रहकर सरहदें भी पार कर चुकी है। 

हिंदी कहानी के परिदृश्य में जितनी संख्या युवा रचनाकारों की है उतनी वरिष्ठ रचनाकारों की अब नहीं रही ।वरिष्ठ रचनाकार या तो लिख नहीं रहे हैं या उन्होंने उपन्यास विधा अपना ली है। कुल मिलाकर वरिष्ठों का अंदाज कुछ ऐसा कि अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो।"

मुख्य अतिथि एकता अमित व्यास ने मुज़फ़्फ़र इक़बाल सिद्दीक़ी की कहानी “सरमाया” की सारगर्भित समीक्षा करते हुए कहा कि -

“कहानी, अपने दौर के विभिन्न आयामों से गुज़रती हुई आज यहाँ तक पहुँची है। मुज़फ्फर सिद्दीकी की कहानी ‘सरमाया’ हमें बताती है कि किसी परिवार का सरमाया उसकी धन दौलत नहीं बल्कि उसके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा है। कहानी में एक परिवार, उसके माता-पिता का संघर्ष है। कहानी में कुछ कमजोर पक्ष भी है जिसका निराकरण करने के उपरांत कहानी और मजबूत होकर निकलेगी।”

विशिष्ट अतिथि विनीता राहुरीकर ने मधुलिका श्रीवास्तव की कहानी ‘मेहमान’ की विस्तार से विवेचना की। आपने कहा कि -

“मेहमान एक ऐसी कहानी है जिसका कथानक बहुत सशक्त है। एक महिला ही इस कहानी की आत्मा और इसकी वेदना को समझ सकती है। किसी महिला की नज़रों से जब कोई पुरुष उतर जाता है तो वह दुबारा उस जगह को नहीं ले सकता फिर चाहे वह पति ही क्यों न हो। मीरा का पति दस वर्ष बाद घर लौट तो आया है लेकिन अब इस घर में वह मेहमान ही बन कर रहेगा।”

अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शकुंतला मित्तल ने सभी का स्नेहिल स्वागत किया। कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए मीडिया प्रभारी रानी सुमिता ने कहा कि-

“आधुनिक कहानी अब केवल एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन का एक यथार्थवादी, कलात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रतिबिंब है जो पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करता है।”

अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की मंत्री जया केतकी शर्मा जी ने सभी माननीय अतिथियों और दर्शकों का आत्मीय आभार व्यक्त करते हुए कहा कि-

"कहानी हिन्दी साहित्य की सबसे सशक्त विधा है।”

कहानी संवाद के इस कार्यक्रम में देश-विदेश से अनेक साहित्यकार एवं पत्रकार अंत तक उपस्थित रहे। 

प्रस्तुति - मुज़फ्फर सिद्दीकी

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post