ad

हमारा प्यारा हिंदुस्तान साहित्य संस्था छत्तीस गढ़ इकाई के तत्वावधान में एक शाम गुरुदेव के नाम


 

 हमारा प्यारा हिंदुस्तान साहित्य संस्था छत्तीस गढ़ इकाई के तत्वधान में एक शाम गुरुदेव के नाम

गुरु कब सामान्य व्यक्ति है वह तो कुंभकार होता है - कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल

  पिलखुवा, हमारा प्यारा हिंदुस्तान  साहित्य संस्था छत्तीसगढ़ इकाई  के तत्वाधान में  आज की शाम गुरु देव के नाम ऑन लाइन विराट कवि सम्मेलन का आयोजन से गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित किया गया ।

देश के नाम में कौने कोने से कवियों ने आकर गुरु की महिमा का बखान किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ ओमकार साहू मृदुल जी कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल जी ने की विशिष्ठ अतिथि   प्रियंका भूतड़ा प्रिया और प्रतिमा पाण्डेय सरस्वती वंदना चंद्रा साहू स्वागत गीत प्रस्तुत किया श्री दिलीप कुमार शर्मा देवास ने सुमधुर गीत संगीत के साथ ।गरिमा मय उपस्तिथि तीर्थ देव वरिष्ठ कवयित्री वीना गोयल जी कवि  रामदेव शर्मा राही मथुरा कवि रविंद्र पाल सिंह रसिक किरण अग्रवाल जी प्रताप गढ़ डॉ गीता पाण्डेय अपराजिता संध्या श्रीवास्तव ,अनीता श्रीवास्तव  महाराष्ट्र कवि अविनाश खरे पुणे, ,   वरिष्ठ कवियत्री     कमला सिंह पद्मा, , कवि उमा कांत भारद्वाज शिशिर देशाई जी ,रुचि ग्रोवर मास्टर आयुष साह सिल्लीगुड़ी अनुराग उपाध्याय मंच की उपाध्यक्ष मीनू राजेश शर्मा प्रयाग विशेष सहयोगी शिवनाथ सिंह शिव रायबरेली आभा गुप्ता जी इंदौर लगभग तीस कवियों ने गुरु की महिमा का गुणगान किया । अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संस्थापक निर्दोष जैन लक्ष्य ने अपनी चिरपरिचित अंदाज से किया गुरु पूर्णिमा का दिन है,दिन ये बड़ा महान ।गुरुजन की सेवा करो , मिलता है सम्मान ।। प्रथम गुरु माता तेरी , सदा करो सम्मान ।उनसे ही होता सदा, जीवन का कल्याण ।।वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते कहा।

गुरू ज्ञान का दीप है, जैसे सूर्य प्रकाश ।उनसे ही होता सदा ,जीवन का विकाश ।।गुरु से ही मिलते हमें, जीवन में संस्कार ।गुरु की महिमा देख लो, गाता यह संसार ।अंत में निर्दोष जैन जी ने कार्यक्रम में पधारे सभी रचनाकारों का आभार प्रकट किया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post