शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन : गुरु पूर्णिमा पर्व आत्मोन्नति का पर्व है- सरोज गुप्ता
सागर । प्रथम दिवस दिन रविवार को शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के निर्देशानुसार गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रूपेश उपाध्याय अपर कलेक्टर सागर, श्री टीकाराम त्रिपाठी, डॉ देवेंद्र गुरु, पंडित श्री प्रमोद चौबे, पंडित लखनलाल, संस्था के प्राचार्य श्री डॉक्टर संजीव दुबे एवं संयोजक डॉक्टर सरोज गुप्ता द्वारा सरस्वती पूजन किया गया। तत्पश्चात शशि दीक्षित द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। महाविद्यालय के छात्र रुद्र प्रताप सिंह बुंदेला ,कार्तिक जैन ,सत्यम विश्वकर्मा विद्यार्थियों की टीम द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत की गई। आमंत्रित अतिथियों का स्वागत सम्मान संस्था के विभिन्न शिक्षकों द्वारा शाल श्रीफल एवं पुष्पमाला से किया गया। कार्यक्रम के संरक्षक एवं प्राचार्य डॉ संजीव दुबे द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व आत्मोन्नति का पर्व है। आध्यात्मिक गुरुओं का स्मरण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का पर्व है। भाषा ,संस्कृति और संस्कारों पर चर्चा करते हुए आपने द्विदिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की । विषय प्रवर्तन पंडित श्री प्रमोद चौबे पुजारी सिद्धिदात्री मंदिर स्नेहनगर सागर के द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने "गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ गढ़ काढ़े खोट।अंदर हाथ सहारा दे,बाहर मारे चोट।"कहकर गुरु की महिमा, गुरु पूर्णिमा का महत्व,गुरु शिष्य परम्परा के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि उद्बोधन श्री रुपेश उपाध्याय अपर कलेक्टर सागर द्वारा प्रस्तुत किया गया। सारस्वत वक्ता श्री टीकाराम त्रिपाठी वरिष्ठ साहित्यकार एवं सेवानिवृत शिक्षक द्वारा सनातन काल से चली आ रही गुरु शिष्य परम्पर मनुष्यता की ज्योति और प्रकाश की मशाल बताया ।ज्ञानविज्ञान का निरन्तर विकास करती यह दिव्य ज्ञान ज्योति एक पीढी से दूसरी पीढ़ी को ज्ञान की मशाल थमा देती है । प्रज्ज्वलित ज्योति की मशाल निरन्तर आगे बढती रहती है , यही गुरु परम्परा है। सारस्वत वक्ता आचार्य श्री लखन लाल जी भागवत आचार्य द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव से संबंधित उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। सारस्वत वक्ता श्री देवेंद्र गुरु पूर्व शिक्षक द्वारा गुरु के महत्व और गुरु की गरिमा पर उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। छात्रा रिया रजक ने गुरु महिमा पर सस्वर गीत गाकर समां बांधा। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अभिलाषा जैन एवं डॉ राना कुंजर सिंह द्वारा आभार प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ गोपा जैन, डा मधु स्थापक, डॉ रंजना मिश्रा, डॉ अमर कुमार जैन, डॉ संगीता मुखर्जी डॉ संगीता कुम्हारे, डॉ प्रतिभा जैन, डॉ दीपक जॉनसन, डॉ सुचिता अग्रवाल, संतोष सेन ग्रंथपाल, डॉ भरत शुक्ला, डॉ संदीप सबलोक, डॉ जय नारायण यादव, डॉ अंकुर गौतम, डॉ अखिलेश तिवारी, डॉ संदीप तिवारी, डॉ मुन्नालाल सूर्यवंशी, डॉ शिखा चौबे, डॉ वसुंधरा गुप्ता, डॉ शालिनी परिहार, डॉ कनिष्क तिवारी, डॉ छतर सिंह, डॉ मनीष जैन, डॉ संजय राय, भानुप्रिया पटेल, रश्मि दुबे, राकेश सैनी, चंद्र प्रताप सिंह, चंदन सिंह, दीपक जैन, देव कृष्णा नामदेव सुनील प्रजापति, प्रमोद सेन, अरविंद यादव, डॉ अनिल महरोलिया, डॉ रविंद्र सिंह, डॉ शैलेंद्र सिंह राजपूत, डॉ दिनेश तोमर महाविद्यालय के कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।