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काव्य : वे खार जिंदगी का हमको पिला रहे हैं - रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार शाहजहांपुर


 काव्य : 

'वे खार जिंदगी का हमको पिला रहे हैं

                                                     

 वे खार जिंदगी का हमको पिला रहे हैं।                     दे प्यार नाम उसको हमको चिढ़ा रहे हैं।                     हैं कर रहे उपेक्षा हर रोज वे हमारी,                       पर मीत हैं हमारे जग को जता रहे हैं।                                       

 करते बड़ा दिखावा यह देवता हमारे,                         पर छीन सार जीवन हमको सता रहे हैं।                     कल तक जिन्हें थी लगती मम वेदना भयंकर,            अब दर्द वो हमारा नाटक बता रहे हैं।     

 कहते कभी न थकते थे जो हमें गुणाकर,                  अब आज वो हमारी कमियां गिना रहे हैं।                   देकर कभी दिलाशा जो अश्रु पोंछते थे,                    अब शत्रु खास बन वो हमको रुला रहे हैं।   

 जब से बने यहां पर सरकार वो हमारे,                       उस रोज से हमें वो आंखें दिखा रहे हैं।                     है दोष यह हमारा उन पर किया भरोसा,                   उस भूल की बड़ी हम कीमत चुका रहे हैं।    

  'दीपक' करो भरोसा चिर शक्तिमान प्रभु पर,               जो देख कर्म सबके सबको नचा रहे हैं।       

                             

- रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार 

शाहजहांपुर उप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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