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जून में फिर से बनेगा एक दिवसीय चतुर्ग्रही योग -ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम


 

इस माह ग्रहों की युति-प्रतियुति भारत के पक्ष में

राहु-मंगल का षडाष्टक योग गुरु अतिचारी

जून में फिर से बनेगा एक दिवसीय चतुर्ग्रही योग

भोपाल। इस माह ग्रहों की युति-प्रतियुति भारत के पक्ष रहेंगी। 22 मई को चंद्र-राहु की युति का प्रभाव ग्रहण योग बना रहा है। वहीं सूर्य-बुध की युति 30 मई को होगी। इसी बीच सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर हैं जहां वे 2 जून तक रहेंगे। ज्योतिष मठ संस्थान के शोध के मुताबिक सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में विचरणकाल नौतपा कहलाता है। इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तीक्ष्ण तपनकाल नौ दिनों तक रहता है। परन्तु इस वर्ष ग्रहों की युतियों के प्रभाव से एवं ग्रह-राशि परिवर्तन का प्रभाव पूरे मई माह एवं नौतपा के दिनों में भी बारिश कराएगा। 30 मई को मीन राशि पर शत्रु ग्रह शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। शुक्र मेष राशि में भ्रमणरत होंगे। वहीं नीच राशिस्थ कर्क राशि का मंगल 6 जून को सिंह राशि में अंगारक योग बनाएगा। यह योग भी देश-दुनिया के लिए शुभ नहीं है। भारत की प्रभाव राशि के स्वामी शनि धर्म राशि शनि में भ्रमणरत होने से यह भारत के पक्ष में है जिससे भारत के प्रति न्यायपूर्ण स्थिति बनेगी। 

ज्योतिष मठ संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम ने बताया कि आगामी माह जून में राहु-मंगल के षडाष्टक योग का प्रभाव परिलक्षित हो सकता है। साथ ही 24 जून को एक बार पुन: मिथुन राशि में 4 ग्रह इकट्ठे होंगे, गुरु, बुध, सूर्य एवं चंद्र का चतुर्ग्रही योग बनेगा। यह योग व्यापारिक राशि में बन रहा है, अत: व्यापार व्यवसाय में उत्तरोत्तर महंगाई के योग निर्मित करेगा। चतुर्ग्रही यो षडाष्टक योग के संबंध में शाों में कहा गया है कि एक राशि यदायान्तौ चत्वारा: पंचखेचराह: पिलवन्तु महीसर्वे जलेन रुद्धरेणवा:। अर्थात जब भी एक ही राशि में चार-पांच ग्रह इकट्ठे होते हैं तो देश को संकट का सामना करना पड़ता है। एक बार फिर चार ग्रह मीन राशि में इकट्ठे होंगे, अत: पुन: सावधानी की आवश्यकता है।

पं. गौतम के अनुसार षडाष्टक योग के संबंध में कहा गया है - षडाष्टी राहु भौमिकी एवं गुरु अतिचार, व्यय विशेष संसार में राजकाज प्रतिभार। इस प्रकार राहु और मंगल का षडाष्टक योग तथा गुरु का अतिचारी होना भी टकराव की स्थितियां निर्मित करता है। गुरु के अतिचारी होने से धार्मिक उन्माद बढ़ेगा। वहीं राहु मंगल की आमने-सामने दृष्टि देश दुनिया के सेना नायकों में वैमनश्यता जागृत करेगा। 

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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