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डेमेंसिया और जीवन की सच्चाई सुरेखा अग्रवाल"स्वरा" ,उत्तरप्रदेश


 डेमेंसिया और जीवन की सच्चाई

       जीवन में कई ऐसी सच्चाइयाँ होती हैं जिन्हें हम स्वीकार करने में कठिनाई महसूस करते हैं। डेमेंसिया जैसी बीमारी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है, और हमें अपने आसपास के लोगों और चीजों को महत्व देना चाहिए।

*जीवन की सच्चाई*

जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, और हमें इनसे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है, और हमें अपने आसपास के लोगों और चीजों को महत्व देना चाहिए।

*डेमेंसिया की सच्चाई*

डेमेंसिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की यादाश्त और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है, और इसका इलाज संभव नहीं है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि जीवन में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं।

*जीवन में परिवर्तन*

जीवन में परिवर्तन लाने के लिए हमें अपने विचारों और दृष्टिकोण को बदलना होगा। हमें यह समझना चाहिए कि जीवन में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम बदल नहीं सकते हैं, लेकिन हम अपने दृष्टिकोण को बदल सकते हैं।

*निष्कर्ष*

जीवन में कई सच्चाइयाँ होती हैं जिन्हें हमें स्वीकार करना चाहिए। डेमेंसिया जैसी बीमारी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है, और हमें अपने आसपास के लोगों और चीजों को महत्व देना चाहिए। हमें अपने विचारों और दृष्टिकोण को बदलना होगा, और जीवन में परिवर्तन लाने के लिए हमें अपने आप को बदलना होगा।

  - सुरेखा अग्रवाल"स्वरा" ,उत्तरप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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