प्रभात साहित्य परिषद,भोपाल की चन्दन विषय पर काव्य गोष्ठी संपन्न
भोपाल । राजधानी की चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद द्वारा चन्दन विषय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हिन्दी भवन के नरेश मेहता कक्ष में श्री महेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में एवं श्री राजेन्द्र शर्मा "अक्षर " के मुख्य आतिथ्य में तथा श्री अशोक निर्मल के विशेष आतिथ्य में एवं डॉ. अनीता तिवारी के संचालन में किया गया.
इस अवसर पर पिछली काव्य गोष्ठी की सर्वश्रेष्ठ चुनी गई रचनाओं के लिये श्री हरिओम सोनी "अनामी "एवं श्री संजय सोनटक्के को सरस्वती प्रभा सम्मान से अलंकृत किया गया.
तदुपरांत काव्य गोष्ठी के आरम्भ में हीरालाल पारस ने पढ़ा वार सहकर भी दूसरों को सुकून देता है काश मनुष्य भी चन्दन हो पाता वहीं संत कुमार मालवीय ने पढ़ा दुर्जनों को दुत्कार सज्जनों का अभिनंदन है, सभ्यता और संस्कृति के माथे पर चन्दन है. वहीं संजय सोनटक्के ने पढ़ा खुशबू ए चन्दन ले आया वो जाकर बाजार से, तासीर कहाँ से लाएगा इस नकली किरदार से वहीं मंजू मिश्रा ने पढ़ा इस देश की माटी चन्दन है. हम करते इसका वंदन हैं वहीं चरणजीत कुकरेजा ने पढ़ा खुशबुएँ हैं सब के भीतर, चंदन बन बस घिसना होगा. वहीं ताहा अल हुसैन ने पढ़ा सुगन्धित करते रहते हैं फ़ज़ा को पेड़ चन्दन के, जलाने पर भी खुशबू अपनी वो महकाये जाते हैं. वहीं विरोनिका पीटर ने पढ़ा चन्दन जैसी तेरी महक से, महक उठा मेरा जीवन. इनके अलावा गोष्ठी में रमेश नन्द,चंद्रभान राही, दिनेश मालवीय, एम ए मोखेरे,सुरेश नारायण शर्मा, विद्या श्रीवास्तव,शोभा जोशी, हरिओम सोनी "अनामी "प्रदीप कश्यप, दिनेश शेष, अशोक व्यग्र, अखिलेश लोधी, शफी लोदी, सुनील प्रवाह, ज्योत्सना खोले, अवनिद्र खरे अंशुमान आदि ने भाग लिया. अंत में सभी का औपचारिक आभार अशोक निर्मल ने व्यक्त किया.