अपने आसपास और समाज की चिंता करना साहित्यकारों का दायित्व -' डॉ.उर्मिला शिरीष
भोपाल | अपने समाज और आसपास की चिंता करना साहित्यकारों का विशेष दायित्व है,साहित्य कला और खेल हमें संवेदनशील बनाते हैं एक दूसरे के निकट लाते हैं | ' यह उदगार हैं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ उर्मिला शिरीष के जो शांति गया साहित्य कला एवं खेल संवर्धन समिति द्वारा दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के राज सभागार में आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थी | इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध रंगकर्मी और सिने अभिनेता राजीव वर्मा ने कहा कि सम्मान मिलने से लेखक और कलाकार की सामाजिक जिम्मेवारी बड़ जाती है,सम्मान हमें अपने काम को और समर्पण भाव से प्रेरित करने का बोध करवाते हैं | ' इस अवसर पर सम्मानित होनेवाले विशिष्ट व्यक्तित्व साहित्यकार कलाकार
शांति-गया स्मृति शिखर सम्मानः डॉ अखिलेश पालरिया, अजमेर
अनूप श्रीवास्तव स्मृति व्यंग्य शिरोमणि सम्मानः प्रभा़शंकर उपाध्याय, एवं डॉ अजय अनुरागी, जयपुर। सुनील सक्सेना, भोपाल (विशेष सम्मान)
नैली राजेश सिंह स्मृति कथा सम्मानः सुषमा मुनींद्र, सतना। अजय सिंह राणा, चंडीगढ़ (विशेष सम्मान)
नैली राजेश सिंह स्मृति कविता सम्मानः आशीष दशोत्तर, रतलाम
ज्ञान स्मृति खेल रत्न सम्मानः सुबोध खांडेकर, झाँसी (अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी)
सरोज स्मृति खेल लेखन सम्मानः आत्माराम भाटी, अजमेर
नैली राजेश सिंह स्मृति कला रत्न सम्मानः दिनेश मोवर सक्सेना, भोपाल; संतोष राजपूत, जबलपुर एवं दुर्गा उन्हाले, भोपाल को शॉल श्रीफल अभिनंदन पत्र एवं नगद धनराशि देकर सम्मानित किया गया, | कार्यक्रम के पूर्व प्रथम सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार रामकिशोर उपाध्याय की अध्यक्षता एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार रमेश सैनी के मुख्य आतिथ्य में सुनीता प्रकाश,आनंद तिवारी,चंद्रभान राही, संजय आरज़ू, सुनील सक्सेना, भावेश दिलशाद, नवीन जैन,अवनींद्र खरे ने अपने गीत ग़ज़लों कहानियों और लघुकथाओं का पाठ किया | इस अवसर पर ' मैं भी भारत ' अजय सिंह राणा,'आहुति '।सोनाली खरे और 'दशकंध ' चंद्रभान राही की सध्य पुस्तकों का लोकार्पण किया गया | कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल अमृत और दामोदर आर्य ने किया | मंच पर समिति की अध्यक्ष कांति शुक्ला उर्मि एवं सचिव अरुण अर्णव खरे उपस्थित थे, | आयोजन में बड़ी संख्या में नगर के साहित्यकार उपस्थित थे |