डॉ उमाशंकर शुक्ल की स्मृति का आयोजन हुआ
राजनीति में उन्होंने कभी झुकना स्वीकार नहीं किया-सुरेश आचार्य
गलत को गलत कहने में कभी हिचके नहीं-जवाहर अग्निहोत्री
डॉ शुक्ला ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया-शुकदेव तिवारी
डॉ उमाशंकर शुक्ल कर्मठ पत्रकार, एवं अक्खड़ नेता थे -आशीष ज्योतिषी
सागर। सागर के वरिष्ठ पत्रकार रहे एवं समाजसेवी डॉ. उमाशंकर शुक्ल की स्मृति का आयोजन आज श्यामलम संस्था के तत्वाधान में सिविल लाइन स्थित होटल में किया गया।
इस आयोजन के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक पं. सुखदेव प्रसाद तिवारी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजवादी विचारक एवं अधिवक्ता जवाहर अग्निहोत्री ने की।सारस्वत अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के हिंदी के पूर्व विभाग अध्यक्ष डॉ. सुरेश आचार्य एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी उपस्थित रहे.
कार्यक्रम परिचय देते हुए श्यामलम संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र नें स्मृति आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। सरस्वती वंदना डाँ नलिन जैन बिट्टी नें की।
इस अवसर पर बीमारी के कारण,लम्बे अंतराल के बाद डा. शुक्ला के प्रति आत्मीय भाव से पधारे सारस्वतअतिथि डॉ. सुरेश आचार्य ने कहा कि उमाशंकर शुक्ल की बुंदेली भाषा पर अच्छी पकड़ थी।राजनीति में उन्होंने कभी झुकना स्वीकार नहीं किया।
मुख्य अतिथि शुकदेव प्रसाद तिवारी ने कहा कि डॉ शुक्ला से मेरे मित्रवत संबंध रहे हैं,उनके द्वारा लिखी गई कहानियाँ हमेशा जीवंत रहेंगी।
विशिष्ट अतिथि आशीष ज्योतिषी ने कहा कि उस समय के साहित्यकार ही पत्रकार होते थे,उनके अंदर मानवीय संवेदनाएं होती थी। मुझे लगता है कि उनके अंदर के अक्खड़ स्वभाव ने उन्हें राजनीति में स्थान बनाने से रोका।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजवादी चिंतक जवाहर अग्निहोत्री ने कहा कि मैं उनसे अंतरंग रूप से जुड़ा था,उनके जीवन की छोटी-छोटी बातें भी मुझसे साझा हुई हैं. वे कांग्रेस के सदस्य थे,परंतु वहां भी गलत को गलत कहने में कभी हिचके नहीं।
इस अवसर पर डॉ. शुक्ला की पौत्रियों डॉ. ईशा गंजू और सौम्या शुक्ल ने अपने दादा सें जुड़े संस्मरणों को साझा किया।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र नारायण सिलाकारी ने पत्रकारिता में उनके साथ बिताए समय को याद किया।
अतिथियों का स्वागत डा. शुक्ला के ज्येष्ठ पुत्र एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र शुक्ला,सोमेंद्र शुक्ला, श्यामलम अध्यक्ष उमाकांत मिश्र एवं सिद्धार्थ शुक्ला ने किया।
डॉ. शुक्ला के पुत्र सोमेंद्र शुक्ला ने अपने पिता के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन श्यामलम के कार्यकारिणी सदस्य रमाकांत शास्त्री ने किया एवं आभार ऑस्ट्रेलिया से पधारे निहित व्यास ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर के के सिलाकारी,लक्ष्मी नारायण चौरसिया, वीरेंद्र प्रधान, हरि सिंह ठाकुर, डॉ राजेश शुक्ला,मुकेश तिवारी,ममता भूरिया, पुष्पेंद्र दुबे, सुबोध ताम्रकार,हरि शुक्ला, संतोष पाठक, कपिल वैसाखिया, डा.अंजना चतुर्वेदी,अम्बिका यादव, आर के तिवारी, अजय पुरम,पुरषोत्तम सेन,डा. विनोद तिवारी, चम्पक भाई,ऋषभ जैन,मनोज हेमचंद जैन,पुष्पा शास्त्री, प्रदीप पाण्डेय, अतुल श्रीवास्तव, रवि विनोदे,डॉ. अभय सिंह, सौरभ दुबे,संध्या पुरम, संजू पांडे, बसंत श्रीवास्तव, राजू स्वर्णकार, चक्रेश जैन, दिनेंद्र पांडेय, राजेंद्र गर्ग, अनिल श्रीवास्तव, पंचरत्न सहित स्वर्गीय शुक्ला के परिजन उपस्थित रहे.
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