हिन्दी भाषा भारतीय संस्कृति का दर्पण है
नोएडा । विगत दिवस(आई सीएमआर) राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान के तत्वाधान नोएडा सेक्टर 39 में हिंदी पखवाड़ा समापन उत्सव की आयोजन की गई । इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रही वरिष्ठ साहित्यकार डॉ भावना शुक्ल और वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती इंदू शर्मा जी दोनों ही अतिथियों ने आयोजित प्रतियोगिताओ में निर्णायक की भूमिका का भी निर्वहन किया।इस अवसर पर इस संस्थान में इस अवधि के अंतर्गत हिंदी निबंध, श्रुति लेखन ,हिंदी प्रश्नोत्तरी तथा काव्य पाठ जैसे विविध रचनात्मक एवं प्रेरक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें संस्थान के डॉक्टर्स और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया ।जिससे इसका महत्व पूर्णतया परिलक्षित होता है कि कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित करना प्रोत्साहित करना।
संस्थान की निदेशक शालिनी सिंह ने अपने स्वागत उद्बोधन में बड़ी ही खूबसूरती के साथ अतिथियों का स्वागत किया और हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार उसके महत्व के विषय में बताया किस प्रकार अपने संस्थान में हिन्दी का उपयोग करते है। बताया कि हिन्दी की सेवा करना और उसकी पहचान को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर डॉ भावना शुक्ल ने अपने भावपूर्ण दोहे ,मुक्तक की बेहतरीन प्रस्तुति दी और साथ ही विचार व्यक्त करते हुए और हो कहा कि-
"व्यक्त करें हम भावना,
पहुंच रहा संदेश।
भाषा सक्षम है अपनी,
रहो किसी भी देश।।
हिंदी भाषा के संदर्भ में अगर हम सांस्कृतिक पहचान की बात करें तो यह भाषा हमारे भारतीय संस्कृति का दर्पण है प्राचीन काल से लेकर आज तक लोकगीत लोक कथाएं मुहावरे और कहावतें हमारी परंपराओं की गहराई को प्रकट करती है हिंदी साहित्य इतना व्यापक और विस्तृत साहित्य है साहित्य में अगर हम आदिकाल से लेकर आज आधुनिक काल तक की बातें करें तो साहित्य आज के दृष्टिकोण से बहुत विशाल हो गया है ।
इस अवसर पर श्रीमती इंदू शर्मा ने बेहतरीन अभिव्यक्ति के साथ हिन्दी ,राधा कृष्ण आदि संदर्भ के माध्यम से गीत,मुक्तक और छंदों के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का बेहतरीन शब्दाभिव्यक्ति के साथ संचालन राजभाषा प्रभारी ,तकनीकी अधिकारी चंद्रेश प्रज्ञा वर्मा जी ने किया।
अतिथियों ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
संस्थान के सदस्य ने आभार व्यक्त किया।