ad

वामा साहित्य मंच की गोष्ठी : चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो...


 

वामा साहित्य मंच की गोष्ठी : चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो...

इंदौर। चांद एक, पर उसके रूप अनेक... कभी वह आध्यात्मिक शरद पूर्णिमा का चांद है तो कभी रोमानी करवा चौथ का। चंद्रमा के इसी मोहक और बहुआयामी स्वरूप को अपनी प्रस्तुतियों का केंद्र बनाते हुए वामा साहित्य मंच ने अक्टूबर माह की गोष्ठी चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो विषय पर अत्यंत सफलतापूर्वक आयोजित की।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरला मेहता द्वारा की गई मधुर सरस्वती वंदना से हुआ। मंच की अध्यक्ष ज्योति जैन ने चंद्रमा की शीतलता और सुंदरता से भरे स्नेहिल शब्दों से सभी प्रतिभागियों और उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि चांद हमेशा से ही साहित्य, कविता और रोमांस का प्रिय विषय रहा है।

इस चांद से सुंदर आयोजन में शहर की वरिष्ठ और युवा कवयित्रियों ने फलक के खूबसूरत सितारों-सी सुंदर-सुंदर प्रस्तुतियां दीं। प्रतिभागियों के रूप में अमर चड्ढा, इंदु पाराशर, अनुपमा गुप्ता, आशा मुंशी, आराधना तिवारी, अमिता मराठे, डॉ अंजना मिश्रा, स्वीटी टुटेजा, सारिका भवालकर, अवंति श्रीवास्तव, सुजाता देशपांडे, रचना चोपड़ा, अर्चना पंडित, डाॅ सुनीता दुबे, माधुरी निगम, डॉ स्नेहलता श्रीवास्तव, रेखा मंडलोई, अंजना सक्सेना, सपना सी.पी. साहू, वाणी जोशी, तनुजा चौबे और विभा जैन ओजस ने चांद और उससे जुड़ी भावनाओं पर अपनी सशक्त और मनमोहक रचनाएं प्रस्तुत की।

गोष्ठी का सुंदर संयोजन प्रीति दुबे ने किया, जिसके लिए उन्हें खूब सराहना मिली। कार्यक्रम का चांदनी बिखेरता संचालन नूपुर प्रणय वागले ने किया, जिन्होंने अपनी वाक्पटुता से माहौल को और अधिक मनोरम बना दिया। अंत में, मंच की सचिव स्मृति आदित्य ने अपनी मधुर ज्योत्सना बिखेरते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए चांद की कलाओं के विभिन्न रंगों को महसूस करने का एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post