अख़बार में अंकित अक्षर भी पूज्य हैं जिसको दृष्टिगत रखते हुए उसका उपयोग करना चाहिए - मुनि सुव्रत सागर
अष्टह्निका पर्व के चौथे दिन चौसठ रिद्धि विधान का किया भव्य आयोजन
पावागिरि में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में हो रही धर्म प्रभावना
तालबेहट (ललितपुर)बुंदेलखंड के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में आचार्य प्रवर विद्यासागर महाराज के मंगलमय आशीर्वाद, नवाचार्य समय सागर महाराज की पावन प्रेरणा और वात्सल्य मूर्ति बुंदेली संत मुनि सुव्रत सागर महाराज के मंगल सानिध्य से आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान में सिद्धों की आराधना की जा रही है। चौथे दिन सुबह पं. महेंद्र कुमार जैन शास्त्री के निर्देशन में अभिषेक शांतिधारा पूजन विधान के उपरांत सिद्धों की आराधना कर चौसठ रिद्धि विधान में नीलेश जैन बांदरी ओमकार म्यूजिकल ग्रुप की संगीतमय धार्मिक धुनों पर श्रद्धांलुओं ने नृत्यमय भक्ति की एवं भक्तिभाव से 64 अर्घ समर्पित किये। मंगलाचरण आराध्या जैन ने किया। चमत्कारी बाबा मूलनायक भगवान पारसनाथ स्वामी का कलशाभिषेक शांतिधारा के बाद मंगल आरती उतारी। मुनि सुव्रत सागर महाराज ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा असाता कर्म के उदय से बीमारी आती है जैन दर्शन के अनुसार इसका उपचार केवल पारस प्रभु के चरणों में है। जब भी ऐसी स्थिति बने एक बार पावागिरि के मूलनायक भगवान की शांतिधारा करवा देना सभी संकट दूर हो जाएंगे। मुनि श्री ने श्रीपाल मैना सुंदरी के द्वारा किये गये सिद्धचक्र महामंडल विधान की महिमा अपरम्पार है, यह महासिद्धिकारक विधान सभी को जीवन में एक बार अवश्य करना चाहिए । उन्होंने कहा यह आराधना बीजा अक्षरों के सिद्ध मन्त्रों द्वारा की जाती है, अख़बार में अंकित अक्षर भी पूज्य होते हैं जिसको दृष्टिगत रखते हुए अख़बार का उपयोग करना चाहिए। तत्पश्चात रात्रि में शास्त्र प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गये। कार्यक्रम में अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन, मंत्री जयकुमार जैन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद्र जैन, उपाध्यक्ष विशाल जैन पवा, विधान पुण्यार्जक शशि सुभाषचंद्र जैन, निधि विकास जैन, प्रवृत्ति विपिन जैन, सरोज सुभाषचंद्र जैन विदिशा, शैलेश जैन, अमन मोदी, सौरभ मोदी, प्रदीप कुमार, अमित जैन पिंटू, शुभम मोदी सेंकी, अक्षत पवा सहित सैंकड़ो श्रद्धालु मौजूद रहे। संचालन ज्ञानचंद जैन बबीना एवं आभार व्यक्त विशाल जैन पवा ने किया।
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